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How do you deal with unwanted early pregnancy?

 दोस्तों आज दुनिया में हर महिलाएं असुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए एक कैप्सूल जिसे इमरजेंसी कांट्रेक्शन पिल्स कहते हैं, उसका सहारा ले रही है। कोई लड़की अपने बॉयफ्रेंड से सेक्स करवाने के दौरान सुरक्षा यानी कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं। हर लड़की तथा हर महिला के लिए एक गंभीर समस्या है अनचाही प्रेग्नेंसी, जिसे कोई भी महिला अपनी ज़िंदगी में नहीं चाहती। लेकिन अगर कभी यह स्थिति बन जाए, तो चिंता न करें, क्योंकि बस एक कैप्सूल आपको 72 घंटों के अंदर इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है।

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स (Emergency Contraception Pills) के बारे में बात करेंगे, जो 72 घंटे के भीतर अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने का एक प्रभावी उपाय है। आइए जानते हैं इस दवा के बारे में विस्तार से।


क्या है इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल (72 घंटे की पिल)?

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स, जिसे आमतौर पर मॉर्निंग आफ्टर पिल भी कहा जाता है, एक ऐसा कैप्सूल है जिसे यौन संबंध के बाद 72 घंटे के अंदर लिया जा सकता है। यह दवा अनचाही गर्भधारण को रोकने में मदद करती है। यदि किसी महिला को ऐसा महसूस होता है कि उसने बिना सुरक्षा के यौन संबंध बनाए हैं या कंडोम फट गया है, तो यह पिल्स गर्भधारण को रोकने के लिए एक त्वरित उपाय साबित हो सकती है।

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72 घंटे के अंदर इसका सेवन क्यों जरूरी है?

दोस्तों इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स का असर 72 घंटे तक ही प्रभावी रहता है। इसका मतलब है कि यदि आप इसे 72 घंटे के अंदर लेती हैं, तो यह बहुत प्रभावी हो सकता है। हालांकि, जैसे-जैसे समय बढ़ता है, इसका असर कम होता जाता है। इसलिए इसे जल्द से जल्द लेना हमेशा लाभकारी साबित होता है।

क्या इमरजेंसी पिल्स सभी के लिए सुरक्षित हैं?

टीवी पर ऐड आता है—बस एक कैप्सूल 72 घंटों के अंदर अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा। और न जाने कितनी लड़कियाँ, सोच-समझ के बिना ही, इन्हें यूँ ही निगल जाती हैं। बिना सोचे कि इन गोलियों में क्या है, या इसका असर कितना खतरनाक हो सकता है।
इन नकली गोलियों में घातक केमिकल भरे होते हैं, जो 72 घंटों में बस भ्रूण को खत्म नहीं करते, बल्कि पूरी फर्टिलिटी सिस्टम को बर्बाद कर देते हैं। इनसे धीरे-धीरे शरीर पर ऐसा असर होता है कि शादी के बाद ये बेटियाँ माँ नहीं बन पातीं। उनकी ज़िंदगी एक खुला राज़ बन जाती है, और समाज का दर्दनाक सच, उनके बीते हुए कल को जैसे आईने में दिखाता है।

पहला सवाल यही है—अगर प्रेग्नेंसी से डरती हो तो सेक्स क्यों? और दूसरा, क्या हमारे देश में आशा, ANM, आंगनवाड़ी, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, सब बस नाम के लिए हैं? सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा के लिए करोड़ों खर्च करती है, पर बेटियाँ यहाँ ख़ुद डॉक्टर बन जाती हैं।

आज की सच्चाई यह है कि 13-14 साल की बच्चियाँ अपने बैग में i-pill लेकर घूम रही हैं। माँ-बाप और भाइयों की आँखें उस बैग तक नहीं पहुँच पातीं, और एक दिन ये छोटी बच्चियाँ बड़ी बीमारियों का शिकार बन जाती हैं। बच्चेदानी का कैंसर तक होने लगा है, और इसका एक बड़ा कारण हमारी ही अनदेखी है।
यदि आपको कभी लगे कि अनचाही प्रेग्नेंसी की स्थिति उत्पन्न हो रही है, तो 72 घंटे की इमरजेंसी पिल एक प्रभावी और सुरक्षित उपाय हो सकती है। यह दवा आपको जल्दी और प्रभावी तरीके से गर्भधारण से बचने का अवसर देती है, लेकिन हमेशा डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह दी जाती है।
याद रखें, इमरजेंसी पिल्स केवल आपातकालीन स्थितियों में ही उपयोगी होती हैं, और नियमित गर्भनिरोधक उपायों का पालन करना आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा होता है। आपके स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए सही फैसले लें और अपनी सेहत की देखभाल करें!
यह सच शायद कुछ महिलाओं को बुरा लगे, लेकिन मेरी बहनों, यह तुम्हें सचेत करने के लिए है। अगर अब भी बुरा लगा तो क्षमा चाहती हूँ, पर यह बात सिर्फ़ एक जागरूकता के लिए है।
#माँ_बनने_का_अधिकार #स्वास्थ्य #समय_पर_जागरूकता

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